अगर मनुष्य अपनी आदतें बदल ले तो अपना फ्यूचर भाग्य बदल जाता है अक्सर लोग कहते हैं कि भाग्य को नहीं बदला जा सकता यह बात तो सही है लेकिन भाग्य बदलने के लिए कुछ करना पड़ता है और आप कुछ करोगे तो निश्चित ही आपका भाग्य बदल सकता है
कबीर साहेब की जीवनी में उनकेे जन्म अगर हम बात करें तो बहुत सारे लोगों केे अलग अलग मत है। कुछ तो यू कहते हैंं कि कबीर साहिब जी विधवा केे पुत्र थे, जिसने लोक लाज के कारण लहरतारा तालाब में छोड़ दिया था। जहां पर नीरू नामक मुसलमान को मिले। लेकिन अगर हम धनी धर्मदास जी द्वारा लिखित कबीर सागर को अगर पढ़े तो बात कुछ अलग ही है, और हम इसी बात को सही मानेंगे क्योंकि यह प्रमाणित भी है। कबीर सागर के अनुसार और अन्य धर्म ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब आदि के अनुसार कबीर साहेब काशी में लहरतारा तालाब के अंदर कमल के फूल पर प्रकट हुए थे। जिनके प्रत्यक्ष गवाह रामानंद जी के शिष्य अष्टानंद जी थे।कबीर साहेब या भगत कबीर 15वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत थे। वे हिन्दी साहित्य के भक्तिकालीन युग में ज्ञानाश्रयी-निर्गुण शाखा की काव्यधारा के प्रवर्तक थे। इनकी रचनाओं ने हिन्दी प्रदेश के भक्ति आंदोलन को गहरे स्तर तक प्रभावित किया। उनका लेखन सिखों के आदि ग्रंथ में भी देखने को मिलता है। वे हिन्दू धर्म व इस्लाम को न मानते हुए धर्म निरपेक्ष थे। उन्होंने सामाज में फैली कुरीतियों, कर्मकांड, अंधविश्वास की निंदा क...
कबीर परमात्मा ने आकर बताया है यह लोक काल का लोक है यह काल किसी भी जीव को यहां से निकलने नहीं देता है यह अपने खाने की व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी जीवो को ज्ञान रहित रखता है भ्रमित करता है कबीर साहिब ने बताया है तीन लोक पिंजरा पाप पुण्य दो जाल सभी जीव भोजन बने खाने वाला काल वह परमात्मा जो सतलोक की जानकारी लेकर इस पृथ्वी लोक पर प्रकट हुए थे उसका 5 जून 2020 को प्रकट दिवस है
#MagharLeela_Of_GodKabir काशी में पंडितों की मान्यता थी की जो व्यक्ति काशी में शरीर छोड़ता है जिसकी काशी में मृत्यु होती है वह सीधा स्वर्ग जाता है कबीर ने इसका खंडन किया कबीर कहते थे अच्छे कर्म करने वाला व्यक्ति चाहे मगर में मरे या काशी में मरे वह सुरग ही जाएगा और बुरे कर्म करने वाला काशी मरे तो वह नरक ही जाएगा इसी धारणा का खंडन करते हुए कबीर 120 वर्ष की आयु पूरी कर के मगहर मे शरीर छोड़ने के लिए चल दिए जब वह शरीर छोड़ने के लिए मगहर जा रहे थे तो उनके साथ षट दर्शनी महात्मा भी चल दिए उस टाइम पर षट दर्शनी ने भविष्यवाणी कर रखी थी कि हिंदुओं और मुसलमानों के बीच भयंकर टकराव होगा भविष्यवाणी तो सही थी क्योंकि जब कबीर अपना शरीर छोड़ रहे थे और छोड़ कर चले जाते उसके बाद हिंदू और मुसलमानों में झगड़ा होना स्वाभाविक था क्योंकि वे दोनों को ही पीर और गुरु थे जब कबीर ने देखा कि दोनों राजाओं की सेना साथ आई है और मेरी मृत्यु के बाद यह आपस में लड़कर मरेंगे तो कबीर ने कहा कि राजन ओ तुमने यह सेना क्यों बुलाई है तब दोनों राजाओं ने कहा कि...
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