अगर मनुष्य अपनी आदतें बदल ले तो अपना फ्यूचर भाग्य बदल जाता है अक्सर लोग कहते हैं कि भाग्य को नहीं बदला जा सकता यह बात तो सही है लेकिन भाग्य बदलने के लिए कुछ करना पड़ता है और आप कुछ करोगे तो निश्चित ही आपका भाग्य बदल सकता है
कबीर परमात्मा ने आकर बताया है यह लोक काल का लोक है यह काल किसी भी जीव को यहां से निकलने नहीं देता है यह अपने खाने की व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी जीवो को ज्ञान रहित रखता है भ्रमित करता है कबीर साहिब ने बताया है तीन लोक पिंजरा पाप पुण्य दो जाल सभी जीव भोजन बने खाने वाला काल वह परमात्मा जो सतलोक की जानकारी लेकर इस पृथ्वी लोक पर प्रकट हुए थे उसका 5 जून 2020 को प्रकट दिवस है
कबीर साहेब की जीवनी में उनकेे जन्म अगर हम बात करें तो बहुत सारे लोगों केे अलग अलग मत है। कुछ तो यू कहते हैंं कि कबीर साहिब जी विधवा केे पुत्र थे, जिसने लोक लाज के कारण लहरतारा तालाब में छोड़ दिया था। जहां पर नीरू नामक मुसलमान को मिले। लेकिन अगर हम धनी धर्मदास जी द्वारा लिखित कबीर सागर को अगर पढ़े तो बात कुछ अलग ही है, और हम इसी बात को सही मानेंगे क्योंकि यह प्रमाणित भी है। कबीर सागर के अनुसार और अन्य धर्म ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब आदि के अनुसार कबीर साहेब काशी में लहरतारा तालाब के अंदर कमल के फूल पर प्रकट हुए थे। जिनके प्रत्यक्ष गवाह रामानंद जी के शिष्य अष्टानंद जी थे।कबीर साहेब या भगत कबीर 15वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत थे। वे हिन्दी साहित्य के भक्तिकालीन युग में ज्ञानाश्रयी-निर्गुण शाखा की काव्यधारा के प्रवर्तक थे। इनकी रचनाओं ने हिन्दी प्रदेश के भक्ति आंदोलन को गहरे स्तर तक प्रभावित किया। उनका लेखन सिखों के आदि ग्रंथ में भी देखने को मिलता है। वे हिन्दू धर्म व इस्लाम को न मानते हुए धर्म निरपेक्ष थे। उन्होंने सामाज में फैली कुरीतियों, कर्मकांड, अंधविश्वास की निंदा क...
हमें यह सोचते हैं कि यह सृष्टि भगवान की बिना खाली है भगवान को किसने देखा है लेकिन यह हमारी छोटी सोच हो सकती है क्योंकि 600 वर्ष पूर्व काशी शहर में प्रकट हुए संत कबीर पूर्ण परमात्मा के अवतार थे उन्होंने बताया कि मैं अवगत नगरी में रहता हूं यानी कि मेरा नगर सतलोक है बाइबिल में भी प्रमाण है कि उस कबीर नामक अल्लाह ने 6 दिन में सृष्टि रचाकर सातवें दिन तख्ते पर आराम किया यानी इस सृष्टि के पीछे कबीर नामक अल्लाह का हाथ है वह क्रिएटर है उस संत कबीर का उस kabir परमात्मा का 5 जून 2020 को प्रकट दिवस है कबीर के बारे मेंं सुना जाता है कबीर संपूर्ण ब्रह्मांड के ऊपर आकाश मेंं रहता है
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