अगर मनुष्य अपनी आदतें बदल ले तो अपना फ्यूचर भाग्य बदल जाता है अक्सर लोग कहते हैं कि भाग्य को नहीं बदला जा सकता यह बात तो सही है लेकिन भाग्य बदलने के लिए कुछ करना पड़ता है और आप कुछ करोगे तो निश्चित ही आपका भाग्य बदल सकता है
बाइबल हमें केवल प्रेरित ही नहीं करती, बल्कि हमें जीवन और परमेश्वर के बारे में बताती है। हमारे सभी प्रश्नों के उत्तर ना सही, पर बाइबल पर्याप्त प्रश्नों के उत्तर देती है। यह हमें बताती है कि किस प्रकार एक उद्देश्य और अनुकंपा के साथ जिया जा सकता है बाइबल बाइबल कैसे दूसरों के साथ संबंध बनाए रखे जा सकते हैं। यह हमें परमेश्वर की शक्ति, मार्गदर्शन और हमारे प्रति उसके प्रेम का आनन्द लेने के लिए हमें प्रोत्साहित करती है। बाइबल हमें यह भी बताती है कि किस प्रकार हम अनन्त जीवन प्राप्त कर सकते हैं।भविष्यद्वक्ताओं के कुछ पूर्वकथन शामिल हैं, और वास्तव में, ये पूर्वकथन किसी भी मायने में इतिहास नहीं हैं। बाइबल में अनेक भाग शामिल हैं—इस में केवल भविष्यवाणी ही नहीं है वैसे तो बाइबल उस अल्लाह की जानकारी की किताब है उस अल्लाह के द्वारा बनाए गए नियमों की किताब है यह एक सद ग्रन्थ है ईसाई धर्म में सबसे सर्वोपरि किताब है जो बाइबिल में लिखा है ईसाईयों के लिए वह सो पर्सेंट मान्य है बाइबिल में लिखा है कि उसे परमात्मा ने 6 दिन में सृष्टि रचाई है और सातवें दिन व
कबीर साहेब की जीवनी में उनकेे जन्म अगर हम बात करें तो बहुत सारे लोगों केे अलग अलग मत है। कुछ तो यू कहते हैंं कि कबीर साहिब जी विधवा केे पुत्र थे, जिसने लोक लाज के कारण लहरतारा तालाब में छोड़ दिया था। जहां पर नीरू नामक मुसलमान को मिले। लेकिन अगर हम धनी धर्मदास जी द्वारा लिखित कबीर सागर को अगर पढ़े तो बात कुछ अलग ही है, और हम इसी बात को सही मानेंगे क्योंकि यह प्रमाणित भी है। कबीर सागर के अनुसार और अन्य धर्म ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब आदि के अनुसार कबीर साहेब काशी में लहरतारा तालाब के अंदर कमल के फूल पर प्रकट हुए थे। जिनके प्रत्यक्ष गवाह रामानंद जी के शिष्य अष्टानंद जी थे।कबीर साहेब या भगत कबीर 15वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत थे। वे हिन्दी साहित्य के भक्तिकालीन युग में ज्ञानाश्रयी-निर्गुण शाखा की काव्यधारा के प्रवर्तक थे। इनकी रचनाओं ने हिन्दी प्रदेश के भक्ति आंदोलन को गहरे स्तर तक प्रभावित किया। उनका लेखन सिखों के आदि ग्रंथ में भी देखने को मिलता है। वे हिन्दू धर्म व इस्लाम को न मानते हुए धर्म निरपेक्ष थे। उन्होंने सामाज में फैली कुरीतियों, कर्मकांड, अंधविश्वास की निंदा क
कबीर परमात्मा ने आकर बताया है यह लोक काल का लोक है यह काल किसी भी जीव को यहां से निकलने नहीं देता है यह अपने खाने की व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी जीवो को ज्ञान रहित रखता है भ्रमित करता है कबीर साहिब ने बताया है तीन लोक पिंजरा पाप पुण्य दो जाल सभी जीव भोजन बने खाने वाला काल वह परमात्मा जो सतलोक की जानकारी लेकर इस पृथ्वी लोक पर प्रकट हुए थे उसका 5 जून 2020 को प्रकट दिवस है
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