Maya
#MagharLeela_Of_GodKabir काशी में पंडितों की मान्यता थी की जो व्यक्ति काशी में शरीर छोड़ता है जिसकी काशी में मृत्यु होती है वह सीधा स्वर्ग जाता है कबीर ने इसका खंडन किया कबीर कहते थे अच्छे कर्म करने वाला व्यक्ति चाहे मगर में मरे या काशी में मरे वह सुरग ही जाएगा और बुरे कर्म करने वाला काशी मरे तो वह नरक ही जाएगा इसी धारणा का खंडन करते हुए कबीर 120 वर्ष की आयु पूरी कर के मगहर मे शरीर छोड़ने के लिए चल दिए जब वह शरीर छोड़ने के लिए मगहर जा रहे थे तो उनके साथ षट दर्शनी महात्मा भी चल दिए उस टाइम पर षट दर्शनी ने भविष्यवाणी कर रखी थी कि हिंदुओं और मुसलमानों के बीच भयंकर टकराव होगा भविष्यवाणी तो सही थी क्योंकि जब कबीर अपना शरीर छोड़ रहे थे और छोड़ कर चले जाते उसके बाद हिंदू और मुसलमानों में झगड़ा होना स्वाभाविक था क्योंकि वे दोनों को ही पीर और गुरु थे जब कबीर ने देखा कि दोनों राजाओं की सेना साथ आई है और मेरी मृत्यु के बाद यह आपस में लड़कर मरेंगे तो कबीर ने कहा कि राजन ओ तुमने यह सेना क्यों बुलाई है तब दोनों राजाओं ने कहा कि महाराज यह तो हमारे साथ ऐसे ही आई है तब कबीर ने कहा कि आप दोनों मेरे प्रिय शिष्य हो गुरु की आज्ञा का पालन करना चाहिए लड़ना नहीं चाहिए प्रेम से रहना चाहिए मेरे मरने के बाद जो भी कुछ मिले आप उनको आधा-आधा बांट लेना फिर कबीर साहिब ने दो चद्दर मांगी एक चद्दर तो नीचे बिछाई और एक ऊपर ऑडी और उनके शरीर की जगह फूल मिले और वे अंतर्ध्यान हो गए उन् फूलों को आधे आधे हिंदू और मुसलमान बाटलीए जब कबीर साहेब आकाश मार्ग से जा रहे थे तो दुर्गा ने देखा कि यह तो कोई अवतारी पुरुष है वह सुंदर स्त्री का रूप बनाकर उनके पास आई और कबीर को अपना पति बनाने की इच्छा व्यक्त की कबीर ने कहा कि सुंदर स्त्री और महल और राजपाट दो राजाओं को चाहिए मेरे को नहीं चाहिए आप राजाओं के पास जाइए दुर्गा और कबीर के काफी चर्चा हुई दुर्गा ने कबीर को भला बुरा कहा तो कबीर ने कहा कि दुर्गा मैं पूरे ब्रह्मांड का मालिक हूं मेरे से दूर रहना मैं सबका मालिक हूं मेरे ऊपर कोई मालिक नहीं है और जो व्यक्ति तुझे भोक्ता है वह तो नरक में जाता है गधा बनता है लक चौरासी भोक्ता है महा पापी अपराधी होता है मैं तो निर्बंध हूं
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