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हिन्दू

हिन्दू शब्द भारतीय सनातन धर्म का प्रतीक माना जाता है लेकिन मेरे हिसाब से हिंदू कोई धर्म नहीं है हिंदू एक हिंदुस्तान की राष्ट्रीयता है हिंदुस्तान की नागरिकता को हिंदू कहते हैं लोगों के परिभाषित करने की परिभाषा अलग-अलग हो सकती है और इस परिभाषा से कोई भी धर्म का लोग नाराज नहीं हो सकता कि हिंदू कौन है हां इस परिभाषा से हिंदुस्तान एक हिंदू राष्ट्र है

Kabir

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आज से लगभग 600  वर्ष पूर्व एक गरीब परिवार में कबीर का लालन पोषण हुआ था जिनके बारे में अनेक भ्रांतियां है लेकिन संत गरीबदास जी महाराज की वाणी का हवाला देते हैं हम यहां कुछ लिख रहे हैं संत गरीबदास जी महाराज ने बताया है कि वह कबीर लहरतारा नामक तालाब पर कवास शहर में प्रकट हुए थे जिस समय वह प्रकट हुए थे एक शिशु रूप बालक के रूप में थे वहां पर नीरू और नीमा नाम के दंपति सुबह के 4:00 बजे स्नान के लिए गए थे तथा पास में ही स्वामी राम रामानंद जी का शिष्य अष्ट आनंद जी साधना कर रहे थे बरम मूर्हत था स्वामी अष्टम जी ऋषि ने देखा एक प्रकाश का बहुत ही तेज गोला धरती पर लहरतारा नामक तालाब पर गिरता है जिसे देखकर स्वामीजी की आंखे बंद हो जाती है उस प्रकाश को अस्थमा के सहन नहीं कर पाती है जब वह आंखें बंद करके वापस खोलता है तो बालक की परछाई उस प्रकाश में नजर आती है अष्ट आनंद जी यह दृश्य देखकर अपने गुरु जी रामानंद जीके  पास आ जाता है और सारा वृतांत अपने गुरुदेव रामानंद जी को बताता है रामानंद जी कहते हैं कि बेटा ऊपर से जब कोई अवतार किसी की मां के गर्भ से जन्म लेता है तो ऐसा ही होता है और उधर से नीरू नीमा नामक दंप

wild life

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राजस्थान के अलवर जिले में करीब 866 वर्ग किलोमीटर में फैले सरिस्का को वन्य जीव अभ्यारण्य का दर्जा 1955 में मिला, और जब प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत हुई, तो 1978 में इसे टाइगर रिजर्व बना दिया गया. कुछ ही सालों बाद इसे राष्ट्रीय पार्क घोषित कर दिया गया. ... कुछ ही सालों बाद इसे राष्ट्रीय पार्क घोषित कर दिया गया सरिस्का टाइगर रिजर्व की सबसे अच्छी और सबसे आकर्षक विशेषता हमेशा अपनी बंगाल टाइगर्स रही है। बंगाली टाइगर के अलावा, सरिस्का टाइगर रिजर्व में तेंदुए, जंगली बिल्ली, कार्काल, धारीदार हिन, गोल्डन जैकल, चित्ताल, सांभर, नीलगाई, चिंकारा, चार सींग वाले एनललोच ‘चोसीसा’ जंगली सूअर, खरगोश, हनुमान लंगूर, रीसस बंदर, पक्षी प्रजातियां और सरीसृप शामिल हैं।सरिस्का टाइगर रिजर्व राजस्थान राज्य के अलवर जिले में स्थित एक भारतीय राष्ट्रीय उद्यान है। यह इलाका पूर्ववर्ती अलवर राज्य का शिकार क्षेत्र था और इसे 1955 में एक वन्यजीव रिजर्व घोषित किया गया। 1978 में, इसे भारत की प्रोजेक्ट टाइगर योजना का एक हिस्सा बनाने के लिए एक बाघ आरक्षित का दर्जा दिया गया था। इस राष्ट्रीय उद्यान में कई जंगली प्रजातियां

Bible

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बाइबल हमें केवल प्रेरित ही नहीं करती, बल्कि हमें जीवन और परमेश्वर के बारे में बताती है। हमारे सभी प्रश्नों के उत्तर ना सही, पर बाइबल पर्याप्त प्रश्नों के उत्तर देती है। यह हमें बताती है कि किस प्रकार एक उद्देश्य और अनुकंपा के साथ जिया जा सकता है     बाइबल                      बाइबल    कैसे दूसरों के साथ संबंध बनाए रखे जा सकते हैं। यह हमें परमेश्वर की शक्ति, मार्गदर्शन और हमारे प्रति उसके प्रेम का आनन्द लेने के लिए हमें प्रोत्साहित करती है। बाइबल हमें यह भी बताती है कि किस प्रकार हम अनन्त जीवन प्राप्त कर सकते हैं।भविष्यद्वक्ताओं के कुछ पूर्वकथन शामिल हैं, और वास्तव में, ये पूर्वकथन किसी भी मायने में इतिहास नहीं हैं। बाइबल में अनेक भाग शामिल हैं—इस में केवल भविष्यवाणी ही नहीं है  वैसे तो बाइबल उस अल्लाह की जानकारी की किताब है उस अल्लाह के द्वारा बनाए गए नियमों की किताब है यह एक सद ग्रन्थ  है ईसाई धर्म में सबसे सर्वोपरि किताब है जो बाइबिल में लिखा है ईसाईयों के लिए वह सो पर्सेंट मान्य है बाइबिल में लिखा है कि उसे परमात्मा ने 6 दिन में सृष्टि रचाई है और सातवें दिन व

Kalam

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 अगर मनुष्य अपनी आदतें बदल ले तो अपना  फ्यूचर भाग्य बदल जाता है अक्सर लोग कहते हैं कि भाग्य को नहीं बदला जा सकता यह बात तो सही है लेकिन  भाग्य बदलने के लिए  कुछ करना पड़ता है  और आप कुछ करोगे तो निश्चित ही आपका भाग्य बदल सकता है 

कबीर भंडारा

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आज से 600 वर्ष पूर्व कबीर साहेब  सतलोक से चलकर काल के बंधन से छुड़वाने के लिए यहां आए थे उन्हीं की याद में हर वर्ष जेष्ठ मास की पूर्णिमा को  कबीर प्रकट दिवस मनाया जाता है सुनिए अमृतवाणी संत रामपाल जी महाराज  के मुख कमल से https://youtu.be/At2kxtogICc

kabir

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#KabirPrakatDiwasNotJayanti  SECRET OF INCARNATION OF KABIR SAHEB in yajurved chapter 40 mantra 8 says that supreme god doesn't take birth from mother's womb. He directly come on lotus flower from satlok. #1DayLeft_KabirPrakatDiwas Parmeshwar Kabir Sahib Ji appeared on a lotus flower as an infant in Kashi 600 years ago and went from Maghar in the presence of thousands of people with his to Satlok. Flowers were found in the place of the body, the evidence of which exists in Maghar. Therefore, the manifest day of Kabir Sahib is celebrated, not the birth anniversary.Rigved Mnadal 10 sukt 4 mantra 3 proved that supreme god doesn't take birth from mothers womb. He come from satlok to convey knowledge to his beloved souls to set free them from kaal's trap.